बहुआयामी अनुसंधान विन्यास के अंतर्राष्ट्रीय जर्नल
DOI: 10.52984/ijomrc,
विथानिया सोम्निफेरा के औषधीय दृष्टिकोण और फाइटोकेमिकल जलाशय: एक समीक्षा
यशदीप श्रीवास्तव*, स्वाति उपाध्याय*, पंकज गुप्ता*
लेखक संबद्धता: *एसआर प्रबंधन और प्रौद्योगिकी संस्थान,
NH-24, सीतापुर रोड, लखनऊ-226201, भारत,
*संबंधित लेखक: yashiids@gmail.com
डीओआई: 10.52984/ijomrc1102
सार
मानव सभ्यता की शुरुआत से ही पौधे हमेशा मानव जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा रहे हैं। विथानिया सोम्निफेरा (एल.) डुनल, जिसे विंटरचेरी या भारतीय जिनसेंग के नाम से जाना जाता है, को व्यापक रूप से अश्वगंधा माना जाता है। आयुर्वेद में, इसे रसायन (कायाकल्प) के रूप में वर्गीकृत किया गया है और मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, दुर्बल परिस्थितियों में शरीर को फिर से जीवंत करने और दीर्घायु बढ़ाने के लिए अनुमानित है। इसके लाभकारी रासायनिक घटकों के कारण, जड़ी बूटी में जैविक गतिविधियों का एक व्यापक स्पेक्ट्रम होता है और इसका उपयोग मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले विभिन्न रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। इनमें कार्डियोप्रोटेक्टिव गतिविधि, कैंसर विरोधी गतिविधि, इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गतिविधि, न्यूरोप्रोटेक्टिव गतिविधि, रोगाणुरोधी गतिविधि, तनाव-विरोधी गतिविधि, मधुमेह विरोधी गतिविधि और विरोधी भड़काऊ गतिविधि शामिल हैं। वर्तमान समीक्षा विथानिया सोम्निफेरा और इसके महत्वपूर्ण घटकों के औषधीय महत्व पर चर्चा करती है।
कीवर्ड: विथानिया सोम्निफेरा, विथानोलाइड्स, औषधीय गतिविधि, मधुमेह विरोधी, ट्यूमर रोधी,